lijjat papad story
1959 में घर पर सात औरते एकठा हुई उनका एक ही सपना था पापड़ बनाये और अपने आप से गरीबी से आजाद करे। 80 रुपए की लोन से यह काम आज पुरे देश में फेल गया हे साथ में यह दुनिया भर के इंडियन किचन की पहचान बन गया हे। 7औरते से सरु हुआ यह काम आज 85000 से भी ज्यादा औरते संभाल रही हे वुमन एम्पायर की एक सच्ची कहानी जो आज सबको पेरणा देती हे।
lijjat papad |
lijjat Papad Case Study
इंडिया में अगर परम्परा की बात करे तो औरतो ने होममेकर का किरदार निभाया हे जिसका बुनियादी महत्व हे। घर से दूर औरतो के हाथ से बनाया हुआ खाना ही वो एक दोर होता हे जो हमें अपने घर की तरफ खींच लाता हे। उनका प्यार, उनकी दुआए और उनकी देखभाल हमेशा उनके परोसे हुए खाने में झलकती हे। खाने में एक चीज़ जो घरो में सबके थालियों में देखने को आती हे वो हे पापड़। और इंडिया में दुनिया में सबसे पहला नाम सामने आता हे वो हे लिज्जत पापड़। इसकी बुनियादी शरुआत करने वाली हे जशवंतीबेन। उसने सोचा भी नहीं होगा की 80 रुपए की लोन से सरु की हुई यह शरुआत आगे जाकर 1.6 अरब की इंडस्ट्रीज बन जाएगी। इसकी कामयाबी छुपी हे इसकी सादगी में। जशवंतीबेन सहित 21 मेंबर की सेंट्रल टीम के पास इसका डिसीजन मेकिंग पावर हे। यह देश की सभी हिस्सों में नई ब्रान्चिस खोलते हे यह सभी ब्राचीस रो मटीरियल उपलब्ध करती हे और हज़ारो सिस्टर इस रौ मटीरियल लेकर अपने पापड़ पेलते हे और वापस ब्रान्चिस में जमा कराती हे जहा से यह डिस्ट्रीब्यूट होते हे।यही सब मिलकर बनाते हे वूमेन एमपावर का सबसे बड़ा पेरणा स्त्रोत लिज्जत पापड़। पापड़ की कामयाबी की खास वजह में से एक हे उसका एक जैसा स्वाद। 50 से ज्यादा सालो तक उसके स्वाद में कोई बदलाव नहीं आया हे लिज्जत पापड़ में इस्तमाल की जाने वाली हींग खास तोर पर अफ़ग़ानिस्तान से मगाए जाती हे। एक साल में लिजजत 1.6 अरब से ज्यादा पापड़ त्यार करता हे लिज्जत अपने पापड़ यु.के ,यूरोप, यूनाइटेड स्टेट ,साउथ ईस्ट एशिया ,और आफ्रिका के कुछ हिस्सों में एक्सपोर्ट करता हे। इतनी सारि मांगे पूरी करने के लिए देश में हर ब्रांच एक दुशरे की मदद करती हे। पापड़ बनाने वाली औरतो का क्वॉलिटी जांच के लिए सीनियर मेंबर उसके घर जाकर जांच होती हे। लिज्जत वेन रोजाना सुबह सिस्टर मेंबर के उसके घर के पास से लेकर ब्रांच तक लेकर आती हे और सिस्टर मेंबर बनाये हुए पापड़ जमा कर के अगले दिन के लिए रौ मटीरियल ले जाती हे लिज्जत कई ब्रान्चिस में अपने मेंबर के लिए प्राइमरी एजुकेशन की शिक्षा देता हे। कलेक्ट किये पापड़ को प्राइस ,मैन्युफैक्टर डेट ,और फ्लेवर वाले पेकिंग में पैक किया जाता हे.
Achievement Of lijjat Papad Turn Over
लिज्जत ने अपने कंस्यूमर को सबसे बेहतरीन तरीके से सादगी से बनाया हुआ बेस्ट कुलिटी का पापड़ बनाकर दिया हे। हाला की इस से भी बड़ा अचीवमेंट हे पुरे भारत में करीब 45000 से भी ज्यादा औरतो को इज़्ज़त वाला काम देना . बढ़ते बिज़नेस के पीछे हे संस्था की प्रोग्रेसिव सोच अभी आज के दिन पर तो लिज्जत में रोटी भी त्यार होने लगी हे। यह सबके पीछे एक ही मकसत हे ज्यादा से ज्यादा वुमेन को एम्पावर करना। 80 रूपसे से सरु हुए लिज्जत पापड़ का आज महीने का एक्सपोर्ट टारगेट 7 करोड़ रुपए और वार्षिक टारगेट 70 करोड़ रुपए। हे बिना मॉर्डन मशीन के क्वालिटी को बनाये रखने के इरादे के साथ लिज्जत ने त्यार किया एक सादगी भरा पापड़ जो बना भारत में औरतो को एम्पावर करने का एक जरिया।